ऐतिहासिक एवं धार्मिक मेला को नहीं मिल पा रहा सम्मान–खान महोबा चरखारी मेला के बेहतर कवरेज पर पालिका ने पत्रकारो किया सम्मानित चरखारी महोबा 2...
ऐतिहासिक एवं धार्मिक मेला को नहीं मिल पा रहा सम्मान–खान महोबा चरखारी मेला के बेहतर कवरेज पर पालिका ने पत्रकारो किया सम्मानित
चरखारी महोबा 27 नवम्बर। 1883 से निरन्तर चले आ रहे मेला सहस्त्र एक धार्मिक एवं ऐतिहासिक मेला है लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा समुचित प्रयास न किए जाने से आज तक इस मेला को राजकीय मेला का दर्जा न मिलना जनप्रतिनिधियों के मेले के प्रति निष्क्रियता को दर्शाता है तथा बुन्देलखण्ड के महत्वूर्ण मेला को राजकीय मेला का दर्जा न मिलने से लोगों में आक्रोश है।
मेला सहस्त्र श्री स्वामी गोवर्धन्नाथ जू महाराज को चलते 141 वर्ष पूर्ण हो चुके है जिसे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के गौरव के रूप में जाना जाता है तथा ख्याति प्राप्त मेला है लेकिन शासन व प्रशासन द्वारा जिस तरह से इस मेला की उपेक्षा की जाती है वह निन्दनीय है तथा मेले के गौरवशाली इतिहास की उपेक्षा है। मेला मंच पर आयोजित पत्रकार सम्मेलन के दौरान उक्त उदगार ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के मण्डल अध्यक्ष तथा वरिष्ठ पत्रकार मुहम्मद यूनुस खान ने व्यक्त करते हुए कहा कि सपा शासनकाल में पूर्व मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव ने चरखारी व महोबा के कजली मेला को राजकीय दर्जा दिए जाने की घोषणा की थी लेकिन सपा शासनकाल से आज तक किसी किसी भी जनप्रतिनिधि ने मुख्यमन्त्री आश्वासन समिति से पैरवी करते हुए इसे राजकीय मेला का दर्जा नहीं दिला पाया है। उन्होंने कहा कि यह केवल जनहित का ही नहीं बल्कि धार्मिक मामला भी है। उन्होंने पत्रकारों से आवाहान किया कि मेले का राजकीय मेला का दर्जा दिलाने के लिए अपने कलम को पैनी करें। पत्रकार जुगुल किशोर द्वद्विेदी ने कहा कि भले ही जनप्रतिनिधि इस क्षेत्र में सहयोग न करें लेकिन जनहित व चरखारी हित में सभी पत्रकार मुहिम चलाएंगे। नगर पालिका ई०ओ० अमरजीत’ अध्यक्ष प्रतिनिधि रामपाल कुशवाहा ने सभी पत्रकारों को सम्मानित किया तथा श्री कुशवाहा ने कहा कि गौरवशाली मेला की बेहतर स्थानीय व जिले के पत्रकारों ने किया है। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ लिपिक अय्यूब खां’ सभासद राम महाराज’ सरफराज खां’ पियूष खरे सहित पालिका स्टाफ मौजूद रहा।
जनपद महोबा बुन्देलखण्ड भगवती प्रसाद सोनी
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