कोलकाता महिला डॉक्टर कांड को लेकर देश में उबाल हजारीबाग में भी श्री रामचरितमानस सेवा संस्थान ने कैंडल मार्च निकालकर दर्ज किया विरोध जहा...
कोलकाता महिला डॉक्टर कांड को लेकर देश में उबाल
हजारीबाग में भी श्री रामचरितमानस सेवा संस्थान ने कैंडल मार्च निकालकर दर्ज किया विरोध
जहां होती है नारी की पूजा वही होता है देवता का स्थान , हथियारों को हो जल्द फांसी की सजा - संजय कुमार सिंह
पूरे देश में कोलकाता में हुए महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या को लेकर उबाल देखने को मिल रहा है लोगों में गुस्सा है और लोग अपने गुस्से का इजहार सड़क पर उतरकर कर रहे हैं । श्री रामचरितमानस सेवा संस्थान भी डॉक्टर के सम्मान में एवं उनकी सुरक्षा तथा कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी एवं हत्या को लेकर सड़कों पर उतरा तथा श्री रामचरितमानस सेवा संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने खुद इस आक्रोश मार्च का नेतृत्व किया एवं यह आक्रोश मार्च हजारीबाग के कर्जन ग्राउंड से शुरू होकर विभिन्न चौक चौराहे होते हुए झंडा चौक पहुंचा सभी लोग के हाथ में मामबत्तियां थी और लोग कोलकाता में हुए महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी का विरोध कर रहे थे एवं जल्द से जल्द मुख्य आरोपियों को पड़कर फांसी की सजा की मांग कर रहे थे। महिलाओं एवं लड़कियों में इसे लेकर खासा गुस्सा देखने को मिल रहा है।
श्री रामचरितमानस सेवा संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा कि जिस देश में नारी को पूजा जाता है वहां इस तरह की घटना हमें शर्मसार करती है वहीं उन्होंने कहा कि जहां नारियों की पूजा होती है वही देवता का भी वास होता है उन्होंने बंगाल की ममता सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि घटना बीते कुछ दिन हो गए हैं और अभी तक मुख्य आरोपी पकड़ से बाहर है तथा राज्य की ममता बनर्जी सरकार कुछ नहीं कर रही है वह केंद्रीय गृह मंत्री से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द आरोपियों को पड़कर उन्हें कम से कम फांसी की सजा देने का काम करें वही कल हजारीबाग में हुए डॉक्टर पर हमले को लेकर उन्होंने लोगों से अपील किया है कि डॉक्टर धरती पर दूसरे भगवान है तथा उनकी भावनाओं को समझें और ऐसे घृणित काम ना करें डॉक्टर का सम्मान करें ।
इस आक्रोश रैली में बड़ी संख्या में युवक युक्तियां ने भाग लिया एवं सभी की मांग बंगाल सरकार से जल्द से जल्द मुख्य आरोपियों को पड़कर उन्हें कड़ी से कड़ी एवं कम से कम फांसी की सजा देने की मांग कर रहे थे।
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