देवयानी एकादशी हिन्दू पंचांग के अनुसार एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु की उपासना और तुलसी के विवाह से जुड़ा हुआ ह...
देवयानी एकादशी हिन्दू पंचांग के अनुसार एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु की उपासना और तुलसी के विवाह से जुड़ा हुआ है। इस दिन का महत्व विशेष रूप से तब बढ़ जाता है, राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मनीष पंकज मिश्रा के द्वारा अपने संदेश में कहातुलसी का विवाह श्री भगवान विष्णु के साथ विशेष धार्मिक मान्यता रखता है। यह पूजा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरण और सामाजिक समृद्धि के लिए भी इसके कई लाभ माने जाते हैं। तुलसी के पौधे को पवित्र और शुद्ध माना जाता है, जो न केवल शरीर को, बल्कि आत्मा को भी शांति और सुख प्रदान करता है। तुलसी विवाह से यह संदेश भी मिलता है कि प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवन जीना चाहिए।डॉ. मनीष पंकज मिश्रा जी ने इस अवसर पर कहा, "तुलसी विवाह का आयोजन हमें यह सिखाता है कि समाज में सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। यह पर्व हमें प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का अहसास कराता है। हम सभी को मिलकर समाज में जागरूकता फैलानी चाहिए और वातावरण की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।"उनकी प्रेरणा से, इस आयोजन ने न केवल धार्मिक समृद्धि को बढ़ावा दिया, बल्कि समाज में पर्यावरणीय जागरूकता और मानवाधिकारों के प्रति जिम्मेदारी को भी बल दिया। इस प्रकार, देवयानी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का आयोजन एक धार्मिक और सामाजिक पर्व के रूप में मनाया गया, जिसमें सभी ने मिलकर प्राकृतिक और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। report
Sushma kumari
Sushma kumari
No comments