*प्रयागराज का प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर अब और भी भव्य और दिव्या बनकर तैयार हो रहा है श्रद्धालुओं के लिए पूजा पाठ की सामग्री हेतु दुकानों का...

*प्रयागराज का प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर अब और भी भव्य और दिव्या बनकर तैयार हो रहा है श्रद्धालुओं के लिए पूजा पाठ की सामग्री हेतु दुकानों का भी आवंटन किया गया है मंदिर के पुजारी और महंतों के लिए भी स्थान निश्चित है लेकिन अभी तक श्रद्धालुओं के माथे पर चंदन और टीका करने वालों का स्थान निर्धारित नहीं किया गया है
जबकि श्रद्धालुओं के लिए पूजा करने के बाद माथे पर तिलक और चंदन लगवाना हमेशा से पहली प्राथमिकता रही है ऐसे में उन सेवाकारों के बैठने का स्थान निश्चित और निर्धारित किया जाना चाहिए ताकि वह अपनी सेवायें अनवरत श्रदालुओं को देतें रहें और लोगों की आस्था भी बरक़रार रहे टीकाकरण करने वाले सेवाकारों का कहना है
हम लोग वर्षों से ये सेवा कर रहें हैं और दूर दराज के इलाकों से इस काम के लिए यहाँ पर आतें हैं हमें जो भी श्रद्धा से श्रधालु दे देतें हैं उसको ही हम ग्रहण करतें हैं लेकिन हमारे लिए कोई भी स्थान मंदिर परिसर में अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है अगर परिसर में ही एक कमरे में कुर्सी मेज आदि की व्यवस्था कर दी जाये तो हम और भी बेहतर तरीक़े से इस काम को कर पायेगें और हमारे परिवार का भी भरण पोषण होता रहेगा साथ ही ये पौराणिक परंपरा भी जीवित रहेगी क्योंकि हम और हमारे पूर्वजों ने अपना पूरा जीवन इसी कार्य के लिए दिया है और हम लोग आज भी दे रहें हैं ऐसे में मंदिर प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए ताकि मंदिर की शोभा और आस्था दोनों बनी रहे*
संवाददाता -विजय कुमार मिश्रा
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