* जातीय जनगणना सामाजिक न्याय और समावेशी नीतियों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम: हरीश गंगवार* * भाजपा कार्यालय रामपुर पर जिलाध्यक्ष हरीश गंगवार ...
*जातीय जनगणना सामाजिक न्याय और समावेशी नीतियों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम: हरीश गंगवार*
*भाजपा कार्यालय रामपुर पर जिलाध्यक्ष हरीश गंगवार ने पार्टी पदाधिकारियों को बांटी मिठाई*
*बोले 70 साल तक कांग्रेस करती रही घटिया राजनीति, 94 साल बाद जातीय जनगणना का सपना होगा साकार*
रामपुर। भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष हरीश गंगवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जातीय जनगणना कराने का फैसला कर 94 साल पुरानी मांग पूरी की है। जो कार्य कांग्रेस अपने 70 सालों तक नहीं कर पाई, वह काम प्रधानमंत्री ने किया है। उन्होंने जातीय जनगणना को सामाजिक न्याय और समावेशी नीतियों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
केंद्र सरकार ने हाल ही में जातीय जनगणना कराने का फैसला किया है, जो आगामी दो से तीन माह में शुरू होने की संभावना है। इसको लेकर भाजपाई जहां अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, तो कांग्रेस, सपा समेत तमाम विपक्षी दल इसे अपनी जीत बता रहे हैं। ऐसे में शुक्रवार को राम विहार स्थित भाजपा कार्यालय पर जिलाध्यक्ष हरीश गंगवार ने कार्यकर्ताओं को मिठाई खिलाकर केंद्र सरकार के फैसले पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना देश के वंचित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों को समाज में उनकी सही पहचान दिलाने में मदद करेगी। उन्होंने कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और हैं। यही उसकी कार्यशैली रही है। 2010 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि वह जातीय जनगणना को आगे बढ़ाएंगे, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं होने दिया। जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सहित सभी पूर्व के कांग्रेस नेता हमेशा से इसके विरोध में रहे। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि कांग्रेस सिर्फ तमाशा करती है। उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले को दलितों, पिछड़ों के हक में बताया। इस अवसर पर जिला महामंत्री अशोक बिश्नोई, रविंद्र सिंह रवि, मोहन कुमार लोधी, जगपाल यादव, अनुज सक्सेना, अर्जुन रस्तोगी, शकुंतला लोधी, पारूल अग्रवाल, विकास दीक्षित, अमित दिवाकर, अर्जित सक्सेना, कुंवर बहादुर लोधी, पवन कुमार, प्रदीप गुप्ता, आकाश सक्सेना, अजय बाबू गंगवार, योगेश गंगवार आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।
संवाददाता -शंकर सिंह
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