मां गंगा के आगोश में बसा एक भव्य शहर अब अब पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। प्रयागराज में गंगा की रेती पर 40 किलोमीटर के क्षेत्र में बसे महाकुंभ न...

मां गंगा के आगोश में बसा एक भव्य शहर अब अब पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। प्रयागराज में गंगा की रेती पर 40 किलोमीटर के क्षेत्र में बसे महाकुंभ नगर में 25 सेक्टर, 4 तहसील, 56 थाने और 133 पुलिस चौकियां बनाई गई थी। हर 20 कदम पर बिजली का एक खम्भा और उस पर तारों का जाल। पूरे 40 किमी इलाके में पानी की पाइपलाइन, बाथरूम, वॉशरूम, दुकानें, होटल, रेस्ट हाउस सब कुछ बनाया गया, मात्र दो महीने के लिए।
यह दुनिया भर के लोगों के लिए आश्चर्य का विषय हो सकता है लेकिन जिसके डीएनए में सनातन है, उसके लिए इसमें कुछ भी अविश्वसनीय नहीं है। सनातन में आस्था रखने वाला हमेशा निर्माण की विचारधारा का वाहक होता है। वो जहां भी जाता है, शहर बसाता है, गाँव बसाता है, नगर बसाता है, सभ्यताएं बसाता है। जिनका डीएनए विध्वंश का हो, वो इस बात को कभी नहीं समझ सकते
हमने दुनियां भर में ऐसे ही नगर सभ्यताएं नही बसाई। दुनिया भर में हमारे प्रमाण ऐसे ही नही फैले हैं। हमने स्वयं निर्माण किए, किसी के शहरों को नष्ट कर उन पर अपना बोर्ड नहीं लगाया। धार्मिक संरचनाओं की छतों पर गुम्बद बनाकर उसे अपना नही कहा। हमने पहाड़ों का सीना चीर कर निर्माण किये है। हमने समुद्र की
रिपोर्ट विजय कुमार मिश्रा
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