विनोबा भावे विश्वविद्यालय अंग्रेज़ी लेखक ई एम फ़ॉर्स्टर पर सेमिनार का आयोजन किया गया Hazaribagh/Jharkhand स्नातकोत्तर अंग्रेज़ी विभाग विन...
विनोबा भावे विश्वविद्यालय अंग्रेज़ी लेखक ई एम फ़ॉर्स्टर पर सेमिनार का आयोजन किया गया
स्नातकोत्तर अंग्रेज़ी विभाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय में दिनांक 11/1/24 को डॉ सैयद रिज़वान अहमद की अध्यच्छता में बीसवीं शताब्दी के अंग्रेज़ी लेखक ई एम फ़ॉर्स्टर पर सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें छात्र छात्राओं ने अलग अलग विषय पर अपने विचार रखे।इस सेमिनार में समसत्र 1 एवं 3 के छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित हो कर वक्तायों को ध्यानपूर्वक सुन अपने ज्ञान की वृद्धि की। इस सेमिनार में सृष्टि,आलोक,मुस्कान,भावना, शुभम आदि ने फ़ोर्स्टर के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे।डॉ रिज़वान अहमद जिन्होंने फ़ोर्स्टर पर ही पीएचडी किया है अपने ख़ास विचार ए पैसेज टू इंडिया पर व्यक्त किया।इस सेमिनार को अति सफल बनाने में रिसर्च स्कॉलर्स एमडी रुस्तम,फ़िरदौस शहनाज़,फ़हीमा परवीन एवं सबा परवीन का योगदान रहा। मंच संचालन समस्त्र 3 की छात्रा रिज़ू ने किया!
खबरें 02
डीएसडब्ल्यू बनने पर डॉ विकास कुमार का विभावि एलुमनाई एसोसिएशन ने किया स्वागत
आज दूसरे दिन भी बधाई देने वालों की लगी रही भीड़
विनोबा भावे विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विकास कुमार को छात्र कल्याण संकायअध्यक्ष बनाए जाने पर शनिवार को उन्हें बधाई देने वालों का ताता लगा रहा। दोपहर होते-होते उनके कार्यालय कक्ष रंग बिरंगे वह खूबसूरत पुष्पगुच्छ और पुष्प स्तबक से भर गए।
आज सबसे पहले विनोबा भावे विश्वविद्यालय एलुमनाई एसोसिएशन के सदस्यों ने उनका स्वागत किया और बुके देकर बधाई दी। एलुमनाई एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने डॉ विकास कुमार को बधाई दी और उम्मीद जताई कि विश्वविद्यालय में छात्र हित के कार्य प्रारंभ होंगे। संघ के सदस्यो ने कहा कि डॉ विकास कुमार के नेतृत्व में विश्वविद्यालय में खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। इस अवसर पर एलुमनाई एसोसिएशन के सदस्यों ने एलुमनाई एसोसिएशन के पंजीयन की प्रक्रिया को जल्द पूरा कराने तथा संघ को उचित स्थान पर कार्यालय उपलब्ध करने की मांग की। नये छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष ने एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द एसोसिएशन की पंजीयन की मांगों पर विचार किया जाएगा। मौके पर एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ मंसूर आलम फाखरी, सचिव डॉ सनी कुमार मेहता, उपाध्यक्ष डॉ अमिता, कोषाध्यक्ष डॉ प्रभात प्रधान, सदस्यों में डॉ कुमारी भारती, शोधार्थी डॉ समीर कुमार, मुकेश राम प्रजापति, मोहम्मद फजल, धर्मेंद्र कुमार आदि उपस्थित थे।
बधाई देने वाले में कई अवकाश प्राप्त शिक्षक, स्नातकोत्तर एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों की टोली, विश्वविद्यालय के पूर्व पदाधिकारी, शिक्षककेत्तर कर्मचारी संघ के पदाधिकारी, एनएसयूआई छात्र संघ, झारखंड मुक्ति मोर्चा के छात्र मोर्चा के सदस्य, अलग-अलग विभाग के शोधार्थी, विद्यार्थी तथा विश्वविद्यालय में कार्यरत तृतीया वह चतुर्थ वर्ग के कर्मी भी शामिल थे।
खबरें 03
भारत सरकार द्वारा लिथियम और रेयर अर्थ मिनरल आधारित वैकल्पिक ऊर्जा परियोजना के लिए विभावि का हुआ चयन
विश्वविद्यालय को मिलेंगे शोध के लिए 10 करोड़ रुपए
भारत के ऊर्जा क्रांति का सहभागी बनना विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत गौरव का विषय: कुलपति
विज्ञानसंकाय के अध्यक्ष डॉ एच एन सिन्हा बने प्रधान शोधकर्ता
विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग का चयन भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर के वैकल्पिक ऊर्जा परियोजना मे अनुसंधान के लिए किया गया है। यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार पोद्दार ने बताया की वर्तमान दौर में जहां एक तरफ जीवाश्म ईंधन पेट्रोलियम का भंडार कम होता जा रहा है वहीं इससे हो रहे प्रदूषण ने भी विश्व को वैकल्पिक ऊर्जा पर चिंतन करने के लिए बाध्य किया है। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में लिथियम और रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे क्रिटिकल मिनरल पर आधारित ऊर्जा का युग आने वाला है। भारत में और विशेष कर झारखंड में लिथियम और रेयर अर्थ एलिमेंट्स के भंडार होने की सूचना है। कुलपति ने बताया कि इसी पर आगे के अनुसंधान के लिए आईआईटी आईएसएम के साथ विनोबा भावे विश्वविद्यालय का चयन करना एक अत्यंत गौरव का विषय है। यह एक क्रांतिकारी पहल है और भारत के साथ पूरे विश्व मानवता के हित में है। कुलपति ने बताया कि इस संबंध में आईएसएम में उनके एक मित्र के प्रस्ताव को उन्होंने तत्काल स्वीकार कर लिया और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के विज्ञान संकायअध्यक्ष तथा भूगर्भ शास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ एच एन सिन्हा को इस कार्य को आगे बढ़ाने का दायित्व दिया। डॉ सिन्हा से बातचीत के बाद आईएसएम आईआईटी के अधिकारी इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तत्काल विनोबा भावे विश्वविद्यालय के नाम की अनुशंसा की जिसको भारत सरकार ने अनुमोदित कर दिया है। कुलपति ने बताया कि इस योजना से विश्वविद्यालय को जोड़ने में डॉ सिन्हा की भूमिका को देखते हुए और उनके शोधकार्यों को देखते हुए डॉ एचएन सिन्हा को प्रधान शोधकर्ता नियुक्त किया गया है। डॉ एच एन सिंह ने बताया कि इस शोध के लिए प्रारंभिक स्तर पर 10 करोड रुपए विश्वविद्यालय को प्राप्त होंगे। इसके लिए 15 जनवरी तक प्रस्ताव समर्पित करना है। बड़ी बात यह है कि भविष्य के ऊर्जा के निर्धारण में भारत में चलाए गए अभियान का एक अभिन्न अंग बनने का गौरव विनोबा भावे विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि भारत के अन्य आईआईटी के साथ धनबाद में अवस्थित आईएसएम आईआईटी को भी इसका हब बनाया गया है। इसी के अंतर्गत विनोबा भावे का चयन एक सपाइक इकाई के रूप में किया गया है। डॉ एच एन सिन्हा के अधीन दो सह शोधकर्ता होंगे। सह प्रधान शोधकर्ता के लिए विभावि भौतिकी विज्ञान विभाग के डॉ नवीन चंद्रा और आईएसएम आईआईटी धनबाद के प्रोफेसर शैलेंद्र सिंह का चयन किया गया है। ज्ञात होगी डॉ नवीन चंद्र का चयन उनके इलेक्ट्रॉनिक संबंधी शोध तथा ख्याति प्राप्त शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित उनके आलेख के आधार पर किया गया है।
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