परिक्रमा लगाते भक्तगणश्रृद्धा,भक्ति व रामधुन के साथ निकाली गई गोरखनाथ परिक्रमा महोबा। बुंदेलखंड के ऐतिहासिक गोरखगिरी परिक्रमा श्रद्धा, भक्...
परिक्रमा लगाते भक्तगणश्रृद्धा,भक्ति व रामधुन के साथ निकाली गई गोरखनाथ परिक्रमामहोबा। बुंदेलखंड के ऐतिहासिक गोरखगिरी परिक्रमा श्रद्धा, भक्ति व रामधुन के साथ सम्पन्न हुई। परिक्रमा शिव तांडव से शुरू हुई, जो पटवा के बाल हनुमान मंदिर, राम जानकी मंदिर, कबीर आश्रम, सकरे संधाय, काली माता, राम दरबार मंदिर से पुलिस लाइन रोड होते हुए नागोरिया मंदिर, बाल जी मंदिर काल भैरव मंदिर से शिव तांडव में आकर सम्पन्न हुई। परिक्रमा के बाद शिव तांडव परिसर में भजन कीर्तन, सत्संग व संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
परिक्रमा समिति प्रमुख डॉ0 एलसी अनुरागी पूर्व प्रवक्ता राजकीय वीर भूमि डिग्री कॉलेज न मार्गशीर्ष (अगहन) मास की पूर्णिमा के पूण्य फल का वर्णन करते हुए कहा कि इस पूर्णिमा में व्रत, दान एवं परिक्रमा आदि करने से 32 पूर्णिमाओं का पूर्ण फल मिलता है। इसी पूर्णिमा को विष्णु भगवान ने मत्स्य अवतार लिया था, देवी पार्वती ने अन्नपूर्णा का रूप बनाया था, ऋषि कश्यप ने कश्मीर की रचना की थी और अत्रि ऋषि व देवी अनुसूया के घर दत्तात्रेय भगवान ने जन्म लिया। दत्तात्रेय ने राजा अलर्क, भक्त प्रहलाद, राजा कार्तवीर्य परशुराम व गुरु गोरखनाथ को ज्ञान भक्ति व योग की शिक्षा दी थी। दत्तात्रेय ने 24 गुरुओं से शिक्षा लेकर राजा यदु को 24 गुरुओं का ज्ञान दिया था दत्तात्रेय के 24 गुरु इस प्रकार हैं- पृथ्वी, वायु, आकाश, जल, अग्नि, चंद्रमा, कबूतर, अजगर, समुद्र, कीट पतंग, मधुमक्खी, हाथी, शहद निकालने वाला, हरिण मछली, पिगला वैश्या, कुरर पक्षी, बालक, कुंवारी कन्या, बाण निर्माता, यानी लोहार, सर्प, मकड़ी और भृंगी कीट। पंडित अवधेश तिवारी ने श्रीमद् भागवत गीता के 10 वें अध्याय के श्लोक संख्या 35 की व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मैं सामवेद के गीतों में ब्रृह्मत्साम हूं, छंदों में गायत्री हूं, महीनों में मार्गशीर्ष यानी अगहन हूं तथा ऋतुओं में बसंत ऋतु हूं। श्लोक इस प्रकार है बृहतशाम तथा साम्ना गायत्री छंद सामहम मासाना मार्गशीर्ष आहमृतूना कुसुमाकर। साध्वी सुनीता एडवोकेट ने वाल्मीकि रामायण के भगवान राम के आदर्श चरित्र वाले श्लोक सुनाएं। परिक्रमा में मुन्नालाल धुरिया एडवोकेट, स्टेट बैंक के राजा भैया पंडित हरिशंकर नायक, गौरीशंकर कोस्ठा, छेदा लाल चौरसिया, चंद्रभान श्रीवास, बहादुर अनुरागी, पप्पू सेन एडवोकेट, परशुराम अनुरागी, ओम प्रकाश साहू, जगदीश चंद्र, राम जानकी मंदिर के संत श्याम महाराज, महेश कुशवाहा आदि भक्त मौजूद रहे। अन्त में परिक्रमा समिति द्वारा प्रसाद का वितरण किया गया एवं गुरु गोरखनाथ के जयकारे लगाए गए। डॉक्टर अनुरागी ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा सभी भक्तों के प्रति आभार व्यक्त किया।
जनपद महोबा बुन्देलखण्ड भगवती प्रसाद सोनी
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