आज के आधुनिक युग में बाजारवाद हमे शरीर के साथ-साथ धर्म, संस्कार और संस्कृति से नंगा कर रहा है।* आयुर्वेद के जनक देवों के वैद्य भगवान धन्वंत...
आज के आधुनिक युग में बाजारवाद हमे शरीर के साथ-साथ धर्म, संस्कार और संस्कृति से नंगा कर रहा है।* आयुर्वेद के जनक देवों के वैद्य भगवान धन्वंतरि जो स्वास्थ्य के देवता हैं और स्वास्थ्य ही जीवन का असली धन है, क्यूंकि इसके *आज के आधुनिक युग में बाजारवाद हमे शरीर के साथ-साथ धर्म, संस्कार और संस्कृति से नंगा कर रहा है।* आयुर्वेद के जनक देवों के वैद्य भगवान धन्वंतरि जो स्वास्थ्य के देवता हैं और स्वास्थ्य ही जीवन का असली धन है, क्यूंकि इसके बिना धन-धान्य, भोग-विलास, पद प्रतिष्ठा सब व्यर्थ हैं। इस प्रेरणास्पद पर्व को हमने अधिक पैसे खर्च कर कम मूल्य की वस्तु खरीद लाने का त्योहार बना रखा है। विचार करें ।
भगवान धन्वंतरि के प्राकट्य दिवस की
शुभकामनाएं. इस प्रेरणास्पद पर्व को हमने अधिक पैसे खर्च कर कम मूल्य की वस्तु खरीद लाने का त्योहार बना रखा है। विचार करें ।
भगवान धन्वंतरि के प्राकट्य दिवस की शुभकामनाएं.
रिपोर्ट
विजय कुमार मिश्रा
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