कंडाबेर स्थित मां अष्टभुजी महारानी की महिमा है अलौकिक। मां के दाहिना अंग से फूल बरसने पर मनोकामना की है गारंटी। चुनाव के पूर्व विधायक सांसद...
कंडाबेर स्थित मां अष्टभुजी महारानी की महिमा है अलौकिक।
मां के दाहिना अंग से फूल बरसने पर मनोकामना की है गारंटी।
चुनाव के पूर्व विधायक सांसद पद के प्रत्याशी पहुंचते हैं मां के दर पर।
मन्नत के लिए देश के कोने कोने से पहुंचते हैं श्रद्धालु।
पूर्व जिला परिषद् प्रतिनिधि सह भाजपा नेता कुणाल दुबे के द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अष्टमी की रात्रि में मंदिर के सजावट एवं श्रद्धालुओं को भगवा गमछा देकर सम्मानित किया गया।
भरता सरकार के भूत पूर्व वित व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा है प्रत्यक्ष उदाहरण।
केरेडारी हजारीबाग
केरेडारी : केरेडारी प्रखंड क्षेत्र से दस किलोमीटर और हजारीबाग जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर कंडाबेर में स्थित मां अष्टभुजी महारानी की महिमा अपरंपार है। मां की महिमा देश के चहुंओर गूंज रही है। यूं तो सालोंभर श्रद्धालु भक्त अपनी मन्नत मांगने झारखंड बिहार छत्तीसगढ़ उड़ीसा राजस्थान उत्तरप्रदेश समेत देश के कोने कोने से आते हैं। वहीं शारदीय नवरात्र और चैत नवरात्र में नवदुर्गा की कलश स्थापित कर विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
मां अष्टभुजी की इतिहास
मां अष्टभुजी महारानी के उत्पति का इतिहास अति प्राचीन है। मां अष्टभुजी ज्योतिषाचार्य उमेश पाठक ने मीडिया के प्रतिनिधियों को बताया कि कंडाबेर गांव निवासी स्व काली पाठक जो मेरे दादा जी थे उन्हें मां स्वप्न में आकर बताई कि हम कंडाबेर गांव के सीमा पर स्थिति जंगल में प्रकट हुए हैं तब स्व काली पाठक मेरे दादा जी ने ग्रामीणों को उक्त आशय की जानकारी दी जिसपर ग्रामीण उक्त स्थल पर पहुंच कर खोजबीन किए तब मां का अष्टभुजी स्वरूप का दर्शन ग्रामीणों को मिला। उस दौर में ग्रामीणों ने छपर बनाकर मां अष्टभुजी की पूजा अर्चना शुरू किए। कुछ समय उपरांत बड़कागांव प्रखंड के चुरचू गांव निवासी रामलाल दास नामक श्रद्धालु के द्वारा मां अष्टभुजी मंदिर को पक्का भवन बनाया। इसके उपरांत बड़कागांव के भूत पूर्व विधायक और झारखंड सरकार के पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव के द्वारा पूरे मंदिर परिसर का सुंदरीकरण कार्य किया गया। जो भव्य रूप ले चुका है।
मां अष्टभुजी के दाहिना अंग से फूल बरसना यानी कि मनोकामना की गारंटी
कंडाबेर स्थित मां अष्टभुजी मंदिर की महिमा तो अद्वितीय है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण अटल बिहार बाजपेई जी के सरकार में वित व विदेश मंत्री के पद पर रहे हजारीबाग के भूत पूर्व सांसद यशवंत सिन्हा है लोगों का कहना है कि ये चुनाव के पूर्व माता स्थान आकर शीश नवाते थे। इस दौरान मां के दाहिना अंग से फूल बरसने पर जीत सुनिश्चित मानते थे। हर वर्ष शारदीय व चैट नवरात्र पर विशेष पूजा के साथ विशाल भंडारा का आयोजन कंडाबेर पंचायत के मुखिया सह मुखिया संघ अध्यक्ष दिनेश साव, मां अष्टमुजी मंदिर ज्योतिषाचार्य उमेश पाठक, पूजा समिति के सदस्य महेश पाठक, राजेश साव, अशोक बंटी राज, हरि मंडल, हरि साव, सुरेश राम, रामचंद्र साव, बीरबल कुमार, करम साव, कुलदीप साव, रामकुमार साव, पंकज मिश्रा, लोकनाथ पाठक पुजारी, केदार साव, प्रेम साव, बिहारी साव, अशोक राणा, चंद्रदीप साव, नकुल साव, अंकित राज, बालेश्वर साव, एवं महिलाएं समेत अन्य के सहयोग से किया जा रहा है। वहीं संध्या आरती में कंडाबेर बेलतू पतरा खुर्द गरी खुर्द जमीरा समेत कई गांव के श्रद्धालु भक्त पहुंचते हैं। उक्त दृश्य देखते हीं बनता है।
वही पूर्व जिला परिषद् प्रतिनिधि सह भाजपा नेता कुणाल दुबे के द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अष्टमी की रात्रि में मंदिर के सजावट एवं श्रद्धालुओं को भगवा गमछा देकर सम्मानित किया गया।
ब्यूरो रिपोर्ट हजारीबाग
Ashok Banty Raj - 9835533100
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