*संगम नगरी प्रयागराज शहर जहां तीर्थों का राजा है तो वहीं यह बेहद प्राचीन पवित्र और धार्मिक नगरी के नाम से भी जाना जाता है और इस शहर को बंग...

*संगम नगरी प्रयागराज शहर जहां तीर्थों का राजा है तो वहीं यह बेहद प्राचीन पवित्र और धार्मिक नगरी के नाम से भी जाना जाता है और इस शहर को बंगलो का शहर भी कहा जाता था लेकिन अब धीरे-धीरे शहर की पुरी वास्तु स्थिति बदलती जा रही है आज शहर में हर वह माॅल है जो बाकी बड़े शहरों में है लेकिन सबसे बड़ी बात है कि शहर में जो इलाके बेहद प्राचीनतम है उनमें मौजूद विसंगतियों को आज भी दूर नहीं किया जा सका है इस शहर का सबसे प्राचीन इलाका जो सीधे संगम नगरी से होते हुए आगे शहर की ओर जाता है आज भी बदला नहीं जा सका यहां पर कई ऐसी गालियां है जिन गलियों की वजह से शहर और इलाके की पहचान धूमिल हो रही है और आने वाली पीढ़ी यानि युवाओं को गुमराह कर रही है शहर में जगह-जगह ऐसी गालियां लैंडमार्क बन गये हैं जो शहर कि पहचान के लिये धब्बा है कीडगंज की बात करें तो यहां पर बीच वाली सड़क और थाने वाली सड़क पर मौजूद तंबाकू वाली गली हौली वाली गली जैसी तमाम गलियों के नामकरण और अनावरण की ज़रूरत है क्योंकि शहर का नाम तो इलाहाबाद से बदल कर प्रयागराज कर दिया गया लेकिन गलियों के नामों को बदलना अभी भी बाकी है जहां पर धूम्रपान निषेध है वहां इस तरह की गलियों का होना युवाओं को नशे की ओर धकेलता है और पूरे इलाक़े के लोग कहीं न कही इसकी चपेट में आ रहें हैं शहर के सभासद मेयर मंत्री सांसदों इस ओर ध्यान देना चाहिए ताकि शहर और प्राचीन इलाकों की पहचान बनीं रहे और लोगों को नशे की लत से बचाया जा सकें*
संवाददाता
विजय कुमार मिश्रा
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