सफलता के लिए साधन से महत्वपूर्ण हैं समर्पण। जैक के आकांक्षा परीक्षा - 2025 में बनगड़िया के आनंद बने झारखंड टॉपर.. Hazaribagh/Jharkhand ब्य...
सफलता के लिए साधन से महत्वपूर्ण हैं समर्पण।
जैक के आकांक्षा परीक्षा - 2025 में बनगड़िया के आनंद बने झारखंड टॉपर..
Hazaribagh/Jharkhand
ब्यूरो रिपोर्ट - Ashok Banty Raj
जाग- जाग कर, भाग- भाग कर जो लक्ष्य का भेदन करता है समय के शिलालेख पर वही हस्ताक्षर करता है। यदि कोई मन में दृढ़ संकल्प कर ले तो सीमित साधन- संसाधन में भी अपने अथक साधना के बल पर अपने लक्ष्य को साध सकता है। ग्राम्य में जीवन में पलने- बढ़ने वाले कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो न्यूनतम से न्यूनतम साधन में भी जीवन में बेहतर करने का जज्बा रखते हैं। विद्यार्थी जीवन में ही युवा पीढ़ी के समक्ष करियर बनाने की चुनौती रहती है तो वहीं यही वो वक्त होता है जब युवा पीढ़ी सर्वाधिक भटकाव की और अग्रसर होती है। किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए साधन से अधिक महत्वपूर्ण समर्पण होता है। समर्पण अपने निर्धारित लक्ष्य के प्रति, खुद को संयमित और अनुशासित बनाए रखने की, एकाग्रता के साथ कठिन परिश्रम करने की। निश्चित रूप से अगर इस समर्पण पर कोई भी युवा कायम रहे तो उसे सफलता के शिखर को छूने से कोई रोक नहीं सकता। विद्यार्थियों के लिए वर्तमान दौर में बेहद जरूरी है कि उनके माता-पिता और अभिभावक भी उनके लक्ष्य को साधने में जितना हो सके साधन जुटा कर और उनमें सकारात्मक भर कर उनका हौसला आफजाई करें ।
वर्तमान समय अधिकतर युवाओं का सपना होता है वह इंजीनियरिंग या मेडिकल फील्ड में अपना करियर बनाएं। इंजीनियरिंग क्षेत्र में युवाओं के लिए बहुत अधिक अवसर हुई हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) कॉलेज हमारे देश की सबसे प्रसिद्ध इंजीनियरिंग कॉलेज है और हर कोई छात्र जो इंजीनियरिंग करना चाहता है उनका एक सपना होता है कि वह अपनी इंजीनियरिंग आईआईटी कॉलेज से करें। आईआईटी कॉलेज में सिर्फ 10000 सीट हैं और इन 10000 सीट के लिए 10 से 12 लाख बच्चे आवेदन करते हैं तो आप अंदाजा लगा सकते हैं इस कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए बच्चों को कितना कठिन प्रवेश परीक्षा से गुजरना पड़ता है। हमारे देश के मैथ साइंस के 80% विद्यार्थी जेइइ एडवांस की परीक्षा की तैयारी करते हैं। इसकी तैयारी के लिए भी बेहतर मार्गदर्शन की जरूरत होती है और अच्छे कोचिंग या शिक्षण संस्थान में तैयारी के लिए विशेष साधन की जरूरत होती है। लेकिन अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति सजग और समर्पित हैं तो कई ऐसे संस्थान है जहां सरकार आपको तैयारी के लिए मदद करती है। झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा आयोजित आकांक्षा प्रवेश परीक्षा भी आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है जहां अपने प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन कर निःशुल्क तैयारी का लाभ उठा सकते हैं।
ज्वलंत उदाहरण बोकारो जिले के चन्दनकियारी प्रखंड अंतर्गत सियालजोरी थाना क्षेत्र के ग्राम बनगडिया निवासी इलेक्ट्रिशियन दिनेश चौधरी और गृहिणी सरिता देवी के होनहार लाल कनीय सुपुत्र अमित चौधरी हैं। जिसने अपनी कड़ी मेहनत और लक्ष्य के प्रति समर्पित होकर जैक द्वारा आयोजित आकांक्षा प्रवेश परिक्षा - 2025 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए इंजीनियरिंग स्ट्रीम में 81.88 प्रतिशत अंक प्राप्त कर झारखंड राज्य टॉपर बनने का गौरव हासिल किया है। आनन्द वर्तमान में रांची में रहकर पढ़ाई कर रहें हैं। सामान्य परिवार के विद्यार्थी भी ऊंची उड़ान का सपना देख सकते है और उसे साकार कर सकते है। आनंद चौधरी मेघावी विद्यार्थी है और उच्च विद्यालय, सिमुलिया से इन्होंने जैक के माध्यमिक परीक्षा में 93.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किया है। इनके बड़े भाई अमित चौधरी भी मेधावी छात्र रहें हैं और फिलहाल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), जमशेदपुर से इंजीनियरिंग कर रहें हैं। आनन्द चौधरी के पिता दिनेश चौधरी बताते हैं कि वे एक इलेक्ट्रिशियन हैं और उन्होंने बच्चों के बेहतर पढ़ाई का सपना देखा था जो अब साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों को एक बेहतर माहौल देने की जरूरत है साथ ही उन्हें हमेशा सकारात्मक ऊर्जा से भरे रखें । आनंद के इस सफ़लता पर चंदनकियारी विधायक उमाकांत रजक सहित कई गणमान्य लोग बधाई दे रहें हैं। इधर उनके पूरा परिवार के सदस्य भी उसकी सफ़लता पर गौरवांवित महसूस कर रहें हैं और ईश्वर से उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं ।
✍ रंजन चौधरी
सांसद मीडिया प्रतिनिधि,
हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र ।
No comments