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उर्दू के गैर-मुस्लिम विद्वानों के राष्ट्रीय संगोष्ठी से लौटे डॉ एस जेड हक

  उर्दू के गैर-मुस्लिम विद्वानों के राष्ट्रीय संगोष्ठी से लौटे डॉ एस जेड हक   भाषा को किसी धर्म की सीमा मे नहीं बांधा जाना चाहिए: डॉ एस जेड ...

 

उर्दू के गैर-मुस्लिम विद्वानों के राष्ट्रीय संगोष्ठी से लौटे डॉ एस जेड हक


 भाषा को किसी धर्म की सीमा मे नहीं बांधा जाना चाहिए: डॉ एस जेड हक



हजारीबाग


विनोबा भावे विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के अध्यक्ष डॉ एस जेड हक  कोलकाता मे आयोजित गैर-मुस्लिम उर्दू विद्वानों के राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता कर लौटे। बुधवार को आयोजित संगोष्ठी का आयोजन कोलकाता के हाजी मोहम्मद मोहसिन हाल में द मुस्लिम इंस्टिट्यूट के द्वारा किया गया था। डॉ हक ने इस संगोष्ठी के विद्वत सत्र की अध्यक्षता की। 
इस सत्र में उर्दू के ख्याति प्राप्त गैर-मुस्लिम विद्वानों मे मुख्य रूप से लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ के अमित कुमार, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलदीप राज आनंद, एमएएनएनयू हैदराबाद, तेलंगाना के सथूपति झांसी तथा तरंग मौर्य, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली के उमा वसीता, मगध विश्वविद्यालय, बिहार के चंद्रभूषण तथा जेपी रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली के अनूप सिंह ने अपने-अपने पत्र प्रस्तुत किया। उक्त कार्यक्रम में स्वागत संबोधन राज्यसभा के सांसद तथा द मुस्लिम इंस्टिट्यूट के अध्यक्ष मोहम्मद नदीम उल हक ने किया। कार्यक्रम का संचालन द मुस्लिम इंस्टिट्यूट के साहित्यिक सचिव डॉ जावेद अख्तर ने किया। नाटक एवं संगीत सचिव साजिद परवेज ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
हजारीबाग लौट कर डॉ हक ने बताया कि यह एक बहुत ही सुखद अनुभव रहा। यह अनूठी संगोष्ठी मे इस बात को स्थापित किया की भाषा को किसी धर्म तक सीमित नहीं समझना चाहिए। विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पदाधिकारी, शिक्षक एवं विद्यार्थियों ने ऐसे संगोष्ठी की अध्यक्षता के लिए डॉ हक के चुने जाने पर उन्हें साधुवाद हुआ दिया।


शिक्षकेत्तर कर्मचारी का एकदिवसीय धरना व अनशन समाप्त

 कुलसचिव ने  कुलपति के साथ बात करवाने का दिया आश्वासन


हजारीबाग

विनोबा भावे विश्वविद्यालय के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने एसीपी (ACP) और एमएसएपी (MSAP) से संबंधित अपनी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने एक दिवसीय धरना का आयोजन किया। इसकी अध्यक्षता करते हुए संजीत पासवान ने आज दिन भर उपवास भी रखा।

कर्मचारी विश्वविद्यालय के वित्त समिति के उसे निर्णय का विरोध कर रहे थे जिसमें यह प्रस्ताव लिया गया था कि उनके एसीपी और एमएसएपी का भुगतान अब बंद कर दिया जाएगा। कर्मचारी यह तर्क दे रहे थे कि उनको अपनी पूरे सेवा काल में आज तक किसी भी पदोन्नति का लाभ नहीं मिला। अब इस भुगतान के बंद हो जाने से उनके साथ घोर अन्याय होगा।
कर्मचारियों से वार्ता करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सादिक रज्जाक, जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ सुकल्याण मोइत्रा, शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष डॉ सुबोध कुमार सिंह तथा वरीय शिक्षक डॉ केदार सिंह धरना स्थल पर पहुंचे। सबसे पहले शरबत पिलाकर अनशन को तुड़वाया गया। कर्मचारी ने एक ज्ञापन कुलसचिव को सौपा। वार्ता करते हुए कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने राजभवन के बैठक में लिए गए प्रस्ताव एवं राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया विश्वविद्यालय के लिए नियम-परिनियम के प्रावधानों को भी दिखाया।
कर्मचारियों ने बताया कि मामला अभी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। उच्च न्यायालय के निर्णय के आने तक यथास्थिति बनाकर रखी जाए। अर्थात भुगतान बंद नहीं किया जाए।

कुलसचिव ने आश्वासन दिया कि वह जल्द कर्मचारियों के तीन प्रतिनिधियों के साथ विश्वविद्यालय के कुलपति और वित्त सलाहकार के बीच बैठक की व्यवस्था करेंगे।



विभावि की मेजबानी में आयोजित होगी पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय महिला खो-खो प्रतियोगिता


 कुलपति प्रोफेसर (डॉ) पवन कुमार पोद्दार के पहल से मिली मेजबानी का अवसर




हजारीबाग




विनोबा भावे विश्वविद्यालय की मेजबानी में पहली बार कोई पूर्वी क्षेत्रीय अंतर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इस आशय की जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) पवन कुमार पोद्दार ने दी। उन्होंने बताया कि यह आयोजन 6 से 8 फरवरी 2025 को होना है। उन्होंने कहा की लगभग 35 से 40 विश्वविद्यालय की महिला दलों के इस प्रतियोगिता में भाग लेने की संभावना है। इनके बीच पहले नॉकआउट और बाद में लीग पद्धति से विश्वविद्यालय के मुख्यालय में प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
ज्ञातो की इससे पूर्व मे विश्वविद्यालय ने पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय युवा महोत्सव का आयोजन किया था। लगभग 4 वर्षों के बाद यह पहला अवसर होगा जब किसी  खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया विश्वविद्यालय के मुख्यालय परिसर में किया जाएगा।
इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) पवन कुमार पोद्दार की अध्यक्षता में एक कोर आयोजन समिति का गठन किया गया। उक्त समिति में विश्वविद्यालय के वित्त सलाहकार अखिलेश शर्मा, छात्र कल्याण संकायअध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) मिथिलेश कुमार सिंह, सीसीडीसी किशोर कुमार गुप्ता, विज्ञान के संकायअध्यक्ष डॉ एच एन सिनहा, कुलसचिव डॉ सादिक रज्जाक, इतिहास के विभागाध्यक्ष डॉ विकास कुमार, राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ सुकल्याण मोइत्रा, कॉमर्स के डॉ मोहम्मद मोख्तार आलम, आदर्श कॉलेज, राजधनवार  के प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ) विमल कुमार मिश्रा, आर के महिला महाविद्यालय, गिरिडीह के प्राचार्य डॉ मधुश्री सेन सान्याल, रसायन विज्ञान विभाग के शिक्षक डॉ प्रणिता, विभावि के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ जॉनी रुफिना तिर्की, वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ अविनाश कुमार, अंग्रेजी विभाग के डॉ गंगानन्द सिंह, हजारीबाग के सदर अनुमंडल पदाधिकारी, खो-खो के राष्ट्रीय अंपायर शुभम कुमार तथा खेल निदेशक डॉ राखो हरि को आयोजन सचिव के रूप में शामिल किया गया है। बृहस्पतिवार को इस समिति की पहली बैठक कुलपति के आवास में आयोजित की गई। प्रस्ताव लिया गया कि अलग-अलग किस्म के कार्यों के लिए और भी समितियां बनाई जाएगी। विश्वविद्यालय के नियम के तहत ही सारे खर्च किए जाएंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा की बाहर से आने वाले खिलाड़ी एवं खेल अधिकारियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो। सभी समितियां के अध्यक्ष और संयोजक की बैठक 24 दिसंबर को की जाएगी।
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ब्यूरो रिपोर्ट हजारीबाग
Ashok Banty Raj - 9835533100

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