संवाददाता वेदराज लोकेशन गया गया।जैन धर्म के सबसे बड़े दस दिवसीय दशलक्षण महापर्व अनंत चतुर्दशी के साथ संपन्न हो गया। दशलक्षण पर्व के अं...
संवाददाता वेदराज लोकेशन गया
गया।जैन धर्म के सबसे बड़े दस दिवसीय दशलक्षण महापर्व अनंत चतुर्दशी के साथ संपन्न हो गया। दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन बैंड-बाजे के साथ रमना रोड स्थित दिगंम्बर जैन मंदिर से जैन श्रद्धालुओं ने परंपरागत परिधानों से सुसज्जित होकर भव्य शोभायात्रा निकाली। पवित्र कलश में जल भरकर महिलाओं ने जैन धर्म की जय- जयकार लगाते हुए नगर भ्रमण किया। नगर भ्रमण के दौरान बड़ी संख्या में जैन समाज के महिला पुरुष
और बच्चे शामिल हुए। जैन मंदिर में उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का पूजन हुआ।भक्तों ने 12वें तीर्थंकर वासुपूज्य को मोक्ष कल्याणक लाडू चढ़ाया और भगवान का 1008 कलशों से अभिषेक किया। अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भगवान अनंतनाथ जी की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की गई। दर्शन पूजन को लेकर जैन मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। सर्वप्रथम भगवान बासु पूज्य स्वामी को पांडुकशिला पर विराजमान कर शांति धारा हुई।तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य का अभिषेक किया गया। इस दौरान भगवान की जयमाल लेने की होड़ भक्तों में लगी रही।
उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की विधि विधान से अनुष्ठान के बाद भगवान अनंतनाथ जी का जैन परंपरानुसार पूजन किया गया। जैन समाज सह मंत्री अर्पित पाटनी ने बताया कि अनंत चतुर्दशी पर जैन मंदिर में अनेक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए। दोपहर को जैनधर्म द्वारा 24 मंडल विधान कार्यक्रम संपन्न कराया गया। वहीं देर शाम मंत्रोंच्चारण के साथ भगवान महावीर स्वामी की भक्ति की गई। 19 सितंबर को क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान जैन धर्म से जुड़े लोग दूसरे से जाने अनजाने में की गई गलती के लिए क्षमा मांगेंगे। 8 सितंबर से 18 सितंबर तक लगातार जैन मंदिर में मंगल प्रवचन,शास्त्र वचन,तत्वार्थ सूत्र ग्रंथ का वाचन हुआ। पूरा परिसर णमोकार जाप एवं भक्तांबर श्लोक के जाप से गूंज उठा। दशलक्षण महापर्व के दौरान 10 दिनों तक जैन समाज की अधिकांश महिलाओं ने 10 दिनों तक बिना कुछ खाए पिए उपवास किया।
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