बड़कागांव क्षेत्र से दर्जनों लोग अटल विचार मंच की सदस्यता ग्रहण किया। हजारीबाग / झारखंड News 24 First Express अटल विचार मंच के संस्थापक भ...
बड़कागांव क्षेत्र से दर्जनों लोग अटल विचार मंच की सदस्यता ग्रहण किया।
हजारीबाग / झारखंड
News 24 First Express
अटल विचार मंच के संस्थापक भारत सरकार के पूर्व वित्त विदेश मंत्री हजारीबाग लोकसभा के लोकप्रिय पूर्व सांसद यशवंत सिन्हा की प्रेरणा प्रभावित बड़कागांव विधान सभा क्षेत्र से पुष्पा तिर्की और रफीक अंसारी के नेतृत्व में दर्जनों लोगों ने अटल विचार मंच की सदस्यता ग्रहण किया।
सदस्यता ग्रहण करने वालों में मुख्य रूप से आंगो पंचायत की मुखिया नीलम मिंज, प्रमुख बड़कागांव (पूर्वी) हेमंत भुइंया, झारखंड राज्य अनुसूचित जाति जनजाति के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश पासवान, रमन गंझू ,प्रभु राम, गिरजा भुइयां,बंधन तुरी, सहदेव कुमार, एतवा बेसरा, विनोद खालको, हरदयाल प्रसाद, एतवा गंझु, महेंद्र मांझी, दिनेश कुमार, मनिंदर गंजू टिकेश्वर कुमार, रीजन मांझी, मिश्रीलाल मांझी, जनार्दन शर्मा तथा कुलेश्वर प्रसाद सहित दर्जनों लोगों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया। उक्त जानकारी अटल विचार मंच के मीडिया प्रभारी अनिल सिन्हा ने दिया।
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ब्यूरो रिपोर्ट हजारीबाग
रूस और पाकिस्तान की बढ़ती धनिष्ठता भारत के लिए घोर चिंता का विषय होना चाहिए।
अटल विचार मंच के संस्थापक भारत सरकार के पूर्व वित्त विदेश मंत्री सह हजारीबाग लोकसभा के पूर्व लोकप्रिय सांसद यशवंत सिन्हा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के हाल में रूस के यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी रूस की यात्रा पर गए। वहां जाकर रूस के राष्ट्रपति पुतिन से अत्यंत गर्म जोशी से पुतिन से गले मिले। पश्चिमी देशों को यह इसलिए पसंद नहीं आया। क्योंकि रूस यूक्रेन के बीच जंग छेड़े हुए है। बैलेंस करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की यात्रा की ताकि पश्चिमी देशों का गुस्सा थोड़ा काम हो। रूस भारत का परंपरागत मित्र है, यूक्रेन के साथ भी भारत का मधुर संबंध रहा है। मोदी जी चाहते तो मध्यस्थता करके, केवल विज्ञापन में नहीं बल्कि सचमुच में इस युद्ध को रुकवा सकते थे। लेकिन अभी तक उन्होंने ऐसा नहीं किया है। इसी बीच रूस और पाकिस्तान की बढ़ती धनिष्ठता भारत के लिए घोर चिंता का विषय होना चाहिए। एक खबर के अनुसार एक मल्टी मॉडल सड़क कॉरिडोर बेलारूस, रूस, कजाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान तथा अफगानिस्तान होते हुए पाकिस्तान के हिंद महासागर के बंदरगाहों से जुड़ जाएगा। रूस सदियों से इस महाद्वीप के अरब सागर पर स्थित बंदरगाहों तक जुड़ना चाहता रहा है। उसकी यह मंशा अब पूरी होने जा रही है। रूस और पाकिस्तान की नजदीकियां भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है और इस बात को फिर साबित करती है कि गले मिलना विदेश नीति का मूल सिद्धांत नहीं है। देश के हितों की रक्षा ही इसका मूल मंत्र है। रूस और पाकिस्तान के गहरे होते रिश्ते साबित करते हैं कि विदेश में भारत का डंका नहीं बज रहा है और यदि भारत को अपने हितों की रक्षा नहीं की तो वह भारतीय विदेश नीति की बड़ी असफलता होगी। उक्त जानकारी अटल विचार मंच के मीडिया प्रभारी अनिल सिन्हा ने दिया।
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