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इक्निवोक्स प्वाइंट से स्पष्ट रूप से सुर्योदय का नजारा नहीं देख पाने से मायुस दिखें।

बरवाडीह के इक्निवोक्स प्वाइंट से स्पष्ट रूप से सुर्योदय का नजारा नहीं देख पाने से मायुस दिखें खगोल प्रेमी । बड़कागांव  संवाददाता राज किशोर क...


बरवाडीह के इक्निवोक्स प्वाइंट से स्पष्ट रूप से सुर्योदय का नजारा नहीं देख पाने से मायुस दिखें खगोल प्रेमी


बड़कागांव

 संवाददाता राज किशोर कुमार कि रिपोर्ट 



हजारीबाग जिले की बड़कागांव पंकरी बरवाडीह स्थित विश्व  प्रसिद्ध मेगालिथ स्थल के इक्निवोक्स प्वाइंट में अहले सुबह लगभग उत्सुकता से सैकड़ों खगोल प्रेमी सुर्योदय का अद्भुत नजारा देखने पहुंचे लेकिन आसमान में बादल छाए रहने के कारण सुर्योदय का  खुबसूरत नजारा निर्धारित समय पर स्पष्ट रूप से नहीं देख पाने से मायुस दिखें। लेकिन निर्धारित समय के बाद हालांकि सुर्योदय हुआ ।

इस स्थल के खोजकर्ता सुभाषिश दास ने कहा कि यह मेगालिथ  स्थल अन्य मेगालिथ  स्थलों से भिन्न है ।यहां गाड़े गए पत्थर गणतिय गणना के आधार पर सटीक आकार में गड़ा है। और प्राचीनकाल में जब कोई लिपी नहीं थी कोई कैलेंडर नहीं था उस समय इस स्थल से दो पत्थरों के बीच से सुर्योदय का नजारा देखकर उस समय के लोग दिन रात बराबर होने का अभास लगाते थे और अपना शुभ कार्य का प्रारंभ करते होंगे।उनके इस समृद्ध ज्ञान और इतिहास को संजो कर भावी पीढ़ी को  बताने के लिए ऐसे धरोहरों को संरक्षित रखने की आवश्यकता है ।

सुभाषिश दास


नहीं तो कई ऐसे स्थल खत्म हो गए और यह भी कहीं ऐसें ही खत्म ना हो जाए।

 मौके पर स्थल के खोजकर्ता सुभाषिश दास उसकी धर्म पत्नी बुबु दास ,लोहरदगा से शिक्षिका श्वेता संदेश, दीपक कुमार महतो, बड़कागांव से दीपक कुमार श्वेता शर्मा ,प्राची दीप ,टिकेश्वर महतो, विद्या कुमारी, वहीं स्थानीय ग्रामीण राजू साव,वार्ड सदस्य संतोष साव,  महावीर साव, महेश साव,अशोक राम , मन्नू राम, परमेश्वर साव, हेमंत साव, संजय कुमार ,सरिता कुमारी, खुशी कुमारी, वीर प्रताप, प्रीति श्रवण,रानी व अन्य सैकड़ो लोग मौजूद थे।

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