FALSE

Grid

GRID_STYLE
FALSE
TRUE

Breaking News

latest

खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर मासूम बच्चा।

  खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर मासूम बच्चा। सिंगरौली/MP Suraj Singh सिंगरौली (एमपी)  मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के चितरंगी ब्लॉक अ...

 

खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर मासूम बच्चा।

सिंगरौली/MP
Suraj Singh

सिंगरौली (एमपी) मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के चितरंगी ब्लॉक अंतर्गत संकुल केंद्र नौडीहवा के प्राथमिक पाठशाला खैरहवा में शिक्षा की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। यहाँ मासूम बच्चे न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हैं, बल्कि उन्हें जर्जर स्कूल भवन के डर और बारिश में खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करने पर मजबूर किया जा रहा है। स्कूल भवन की जर्जर हालत के कारण कक्षाएं पेड़ के नीचे लगाई जा रही हैं, जहां बच्चों की सुरक्षा भी खतरे में है।

विद्यालय भवन में खतरे का साया

प्राथमिक पाठशाला खैरहवा का स्कूल भवन अत्यंत खस्ताहाल हो चुका है। छत से पानी टपकता है और भवन के लेंटर के गिरने का भी खतरा बना हुआ है। स्कूल के शिक्षक और बच्चे इस अनिश्चित और असुरक्षित माहौल में शिक्षा देने और लेने को विवश हैं। शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की लगातार शिकायतों के बावजूद भवन की मरम्मत नहीं की जा रही है। यह गंभीर लापरवाही बच्चों के भविष्य और उनकी सुरक्षा दोनों के साथ खिलवाड़ है।
मध्यान्ह भोजन योजना पर उठे सवाल

इस स्कूल में न केवल इमारत की हालत खराब है, बल्कि बच्चों के पोषण के लिए महत्वपूर्ण मध्यान्ह भोजन योजना भी सवालों के घेरे में है। नियमित रूप से मिड-डे मील न दिए जाने से बच्चों और अभिभावकों का विश्वास टूटता जा रहा है। मनमानी ढंग से भोजन वितरण होने के कारण बच्चों की उपस्थिति में लगातार गिरावट देखी जा रही है। यह स्थिति केवल बच्चों के स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि उनकी शिक्षा पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं।
अधिकारियों की बेरुखी और ग्रामीणों की पीड़ा

ग्रामीणों और अभिभावकों का कहना है कि उन्होंने कई बार जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को इस समस्या की शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। शिकायतों के बावजूद अधिकारी केवल आश्वासन देकर पल्ला झाड़ लेते हैं। बच्चों का भविष्य और उनकी सुरक्षा दांव पर लगी हुई है, फिर भी शिक्षा विभाग की उदासीनता खत्म नहीं हो रही।

अधिकारियों का टालमटोल रवैया

शिक्षा विभाग का उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना और उनके स्वास्थ्य में सुधार लाना है, लेकिन सिंगरौली जिले के इस विद्यालय में स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है। अधिकारियों का यह रवैया निराशाजनक है। स्कूल की मरम्मत न कराना और मिड-डे मील योजना का ठीक से क्रियान्वयन न होना सरकारी योजनाओं को फेल करने का संकेत देता है। 

जरूरी है तत्काल कार्रवाई

सिंगरौली के इस स्कूल की भयावह स्थिति एक गंभीर प्रशासनिक विफलता को उजागर करती है। बच्चों का भविष्य अंधकारमय होते देख स्थानीय समुदाय और अभिभावक परेशान हैं। अब वक्त आ गया है कि शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारी इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दें और जल्द से जल्द स्कूल भवन की मरम्मत और मध्यान्ह भोजन योजना को सही तरीके से लागू करें। बच्चों का जीवन और भविष्य दांव पर है, और यह हमारी जिम्मेदारी है कि उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मिले।


No comments


अपना विज्ञापन बॉक्स लगवाएं

       

close