छठ पर्व के मद्देनजर गाजीपुर के नगरपालिका परिषद के 34 गंगा घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर गंगा में डुबकी लगाई। दर...
छठ पर्व के मद्देनजर गाजीपुर के नगरपालिका परिषद के 34 गंगा घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर गंगा में डुबकी लगाई। दरअसल नवापुरा गंगा घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए पहुंचे थे। जैसे भगवान भास्कर उदित हुए वैसे ही व्रती महिलाए भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर गंगा में डुबकी लगाई। साथ ब्रती महिलाओं के साथ आए श्रद्धालुओं ने भी डुबकी लगाई। वही ब्रती महिला नीलम ने बताया कि तीन दिन का ये पर्व काफी कठिन होता है। छठ मईया का ये व्रत पति और पुत्र की दीर्घायु के लिए किया जाता है। इसमें दो दिन तक निराजल व्रत रहा जाता है। साथ इस पर्व पर लंबा सिंदूर लगाने का मतलब होता है कि पति और पुत्र दीर्घायु हो। वहीं श्रद्धालु इंदु सिंह ने बताया कि छठ मईया का व्रत पुत्र और धन धान्य के लिए किया जाता है। छठ मईया से जो भी मन्नते मांगी जाती है वो छठी मईया जरूर पूरा करती है।बता दें कि गंगा में आई बाढ़ की वजह से गंगा का जल स्तर हर साल की तरह ज्यादा था और प्रशासन के लिए काफी चुनौती भरा रहा। लेकिन जिला प्रशासन भी गंगा के जल स्तर को देखते हुए मुस्तैद दिखा। गंगा के घाटों पर नगरपालिका परिषद के सहयोग से जिला प्रशासन श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधा मुहैया कराई थी। नवापुरा गंगा घाट पर खुद सदर तहसीलदार अभिषेक कुमार मौजूद रहे। सदर तहसीलदार अभिषेक कुमार ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त रही। सुरक्षा के मद्देनजर सभी गंगा घाटों पर जल स्तर को देखते हुए रस्सा लगाकर बैरिकेटिंग की गई थी। साथ ही घाटों पर नाव में सवार आपदा मित्र, गोताखोर और पुलिसकर्मियों के सहयोग से निगरानी की जा रही थी। साथ ही माइक के माध्यम से लोगों को रस्से से आगे न जाने की अपील की जा रही थी। जिसकी वजह से ये पर्व सफलता पूर्वक संपन्न हो सका।
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