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गाजीपुर माध्यमिक विद्यालय के एक ही कमरे में कक्षा 8 तक के 400 विद्यार्थी शिक्षा बड़ी मुश्किल से ग्रहण कर रहे है

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 बेसिक शिक्षा विभाग जो नई शिक्षा नीति की बदौलत निजी विद्यालयों से दो-दो हाथ करने का दावा करता है लेकिन उसकी दावों में कितनी सच्चाई है इस बात की पोल उस वक्त खुल गई जब एबीपी गंगा के सामने एक ऐसे विद्यालय का मामला आया जिसमें एक ही रूम में 8 कक्षाओं का संचालन और करीब 400 छात्र एक साथ पढ़ने को मजबूर है जी हां यह मामला गाजीपुर के सैदपुर ब्लॉक के उस बीआरसी केंद्र की है जहां पर बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी का कार्यालय है जनपद गाजीपुर का उच्च प्राथमिक विद्यालय सैदपुर जहां पर एक बड़े हाल में एक दो नहीं बल्कि 8 कक्षाओं का संचालन होता है जिसमें करीब 400 छात्र अध्ययन करते हैं कभी-कभी भीड़ ज्यादा होने की वजह से कुछ क्लासेज विद्यालय परिसर के बाहर खुले आसमान के नीचे पेड़ की छांव में भी चलती है यहां लोग बताते हैं कि 8 कक्षाओं में जब कोई एक कच्छा चलता है तो बाकी अन्य क्लास के छात्र शांत हो जाते हैं और उसके बाद एक-एक कर सभी क्लास चलते हैं ऐसे में सवाल उठता है कि बेसिक शिक्षा विभाग निपुण भारत मिशन ,नई शिक्षा नीति और अन्य योजनाओं के माध्यम से निजी विद्यालयों से दो-दो हाथ करने का बात तो करता है लेकिन शायद यह भूल जाता है कि वह निजी विद्यालय नहीं सरकारी महकमा का एक विभाग है जहां पर कोई भी कार्य करने के लिए नीचे से ऊपर तक परमिशन लेने हेतु महीनों और सालों लग जाते हैं तब जाकर कोई एक कार्य की संस्तुति मिल पाती है शायद यही कारण है कि यह विद्यालय भी इसलिए काफी दिनों से इसी हाल में चल रहा है स्थानीय लोगों से बात की गई तो उन लोगों ने बताया कि यह विद्यालय पहले टाउन में चला करता था लेकिन विद्यालय जर्जर होने के चलते विभाग ने उसे कंडम घोषित कर नीलाम कर दिया और उसके छात्रों को इस भवन में शिफ्ट कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लिया इन छात्रों का इस तरह से स्कूल चलते हुए कई महीने बीत चुके हैं लेकिन संबंधित विभाग इनके भविष्य को देखते हुए अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया कि कैसे इनका क्लास अलग-अलग चले ताकि इनका कोर्स पूरा हो और यह भविष्य में कुछ कर पाए एबीएसए ने बताया कि इन लोगों का विद्यालय टाउन में चलता था भवन जर्जर होने के चलते बीआरसी के हाल में शिफ्ट कर दिया गया इस पूरे मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस मामले की जानकारी उन्हें पहले नहीं थी जिसके लिए उन्होंने अभी एबीएसए से बात किया है और अगले एक या दो दिनों में इस विद्यालय को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा जहां पर कई रूम है।





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