वेद रुपी वृक्ष का पका हुआ फल है श्रीमद्भागवत कथा. .. # सीताराम आश्रम में आयोजित भागवत कथा में उमड़ी भक्तों की भीड़ गुरसहायगंज कन्नौज वेद ...
वेद रुपी वृक्ष का पका हुआ फल है श्रीमद्भागवत कथा...
# सीताराम आश्रम में आयोजित भागवत कथा में उमड़ी भक्तों की भीड़
गुरसहायगंज कन्नौज वेद व्यास जी महाराज भागवत के रूप में है। वेद रुपी वृक्ष का पका हुआ फल श्रीमद भागवत कथा है।जो मनुष्य भागवत श्रवण करता है भागवत की शरण ग्रहण में जाता है वो परम धर्म का आश्रय ले लेता है। यह विचार परम संत सीताराम महाराज जी के सानिध्य मे ग्राम नंगापुरवा स्थित श्रीसीताराम आश्रम पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास घनश्याम पांडेय ने भक्तों के बीच प्रकट किए।
उन्होने कहा भागवत वही अमर कथा है जो भगवान शिव ने माता पार्वती को सुनाई थी। कथा सुनना भी सबके भाग्य में नहीं होता जब भगवान् भोलेनाथ से माता पार्वती ने अमर कथा सुनाने की प्रार्थना की।भगवान शंकर जी ने पार्वती जी को जो अमर कथा सुनाई वह भागवत कथा ही थी। लेकिन बीच में पार्वती जी को नींद आ गई और वो कथा शुक ने पूरी सुन ली। यह भी पूर्व जन्मों के पाप का प्रभाव होता है कि कथा बीच में छूट जाती है। भगवान की कथा मन से नहीं सुनने के कारण ही जीवन में पूरी तरह से धार्मिकता नहीं आ पाती है।
उन्होने कहा कि श्री शुक जी द्वारा चुपके से अमर कथा सुन लेने के कारण जब शंकर जी ने उन्हें मारने के लिए दौड़ाया तो वह एक ब्राह्मणी के गर्भ में छुप गए। वर्षों बाद व्यास जी के निवेदन पर भगवान शंकर जी इस पुत्र के ज्ञानवान होने का वरदान दे दिया तब भगवान नारायण ने शुकदेव से कहा तुम्हें मेरी माया कभी नहीं सताएगी। तभी वह गर्भ से बाहर आए।हमारे पास भागवत कथा जैसा सरल साधन है। जो इस जनम मरण के चक्कर से मुक्त कर नारायण के धाम में सदा के लिए कर देता है।उधर भक्तों के बीच संत शिरोमणि सीताराम महाराज ने कहा कि
जब तक हम भगवान से प्रार्थना नहीं करेंगे तब तक भगवान हमारी नहीं सुनता।
हम भगवान से ज्यादा खुद पर भरोसा करते हैं इसीलिए जन्मोजन्मान्तर से यही फंसे हुए हैं, अगर मुक्ति चाहते हो भगवान पर भरोसा करो।
मनुष्य की सबसे बड़ी समस्या यही है कि वह सब का हो जाता है बस भगवान का नहीं होता है।
भगवान के लिए धन देना बड़ी बात नहीं है, घर-परिवार, व्यवसाय, नौकरी देना भी बड़ी बात नहीं है, भगवान आसानी से ये सब दे देते हैं लेकिन भगवान अपनी भक्ति आसानी से हर किसी को नहीं देते हैं।सीताराम महाराज परीक्षित सुशील कनौजिया अनिल शर्मा स्वदेश कुमार आदि शामिल रहे
संवाददाता
राजू खान
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