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महोबा कलश यात्रा के साथ हुआ श्रीमद भागवत महापुराण का शुभारम्भNews

कलश यात्रा के साथ हुआ श्रीमद भागवत महापुराण का शुभारम्भ महोबा। सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन मुख्यालय के संकट मोचन हनुमान...



कलश यात्रा के साथ हुआ श्रीमद भागवत महापुराण का शुभारम्भ

महोबा। सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन मुख्यालय के संकट मोचन हनुमान मन्दिर परिसर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें दर्जनों की संख्या में महिलाएं अपने अपने सिर पर कलश धारण किए मंगल गीत गाती हुई चल रही थी। कथा के मुख्य यजमान श्रीमती पूजा सिंह, परमेन्द्र सिंह श्रीमद् भागवत पुराण अपने सर पर रख कर चल रहे थे, तो वही डीजे पर बज रहे धार्मिक गीतों पर भक्तगण नृत्य करते हुये चल रहे थे। शोभा यात्रा में शामिल भक्तों पर जगह जगह पुष्प वर्षा की गई।
पूज्य गुरुदेव श्री श्री महंत श्री ललित रामदास जी महाराज (बर्फानी बाबा) के पावन सानिध्य में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दिव्य एवं भव्य आयोजन से पूर्व कलश यात्रा मुख्यालय के संकट मोचन हनुमान मन्दिर तहसील चौराहा से प्रारम्भ हुई, जो मुख्यालय के आल्हा चौक, नरसिंह कुटी से ऊदल चौक होते हुये सुभाष चौकी, पान मण्डी से होते हुये राठ चुंगी से मकुन्दलाल विद्यालय होते हुये रामुकण्ड गौशाला एसपी ऑफिस के पीछे कथा स्थल पर पहुंचकर सम्पन्न हुई। कथा के आगे आगे भक्तगण ध्वजा लहराते हुये चल रहे थे। कलश यात्रा का जगह जगह पुष्प् वर्षा की गई। यात्रा जैसे ही मुख्यालय के ऊदल चौक पहुंची वहां प्रेस क्लब अध्यक्ष संजय मिश्रा के साथ पत्रकार साथियों व दुकानदारों ने कलश यात्रा में शामिल भक्त गणों पर पुष्प वर्षा कर महाराज जी को फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान पत्रकार आशीष अवस्थी, उमाशंकर कुशवाहा, हरीशंकर कुशवाहा, राकेश सैनी, जीतेन्द्र सोनी एड0, कमलेश चौरसिया, गौरव चौरसिया, आलोक खरे, राहुल आदि ने महाराज जी को फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया। कथा के आगे पीछे सुरक्षा की दृष्टि से सीओ दीपक दुबे पुलिस बल के साथ आगे पीछे चल रहे थे। कथा स्थल पर श्री सियावल्लभ शरण जी महाराज जी द्वारा वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ पूजन कराया गया। इसके बाद कथा वाचक श्री सियावल्लभ शरण जी महाराज जी द्वारा कथा का शुभारम्भ किया गया। जहां कथा व्यास द्वारा गौकरण व धुन्धकारी की कथा का विस्तार से वर्णन किया गया। कथा के मध्य मध्य में आयोजित होने वाले भजनों पर भक्तगण स्वयं को नृत्य करने से नही रोक सके। कथा के अन्त में प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर राजेश चतुर्वेदी, सुमित तिवारी, ठेकेदार भारत सिंह, गोरेलाल कुशवाहा, ब्रजराज सिंह, राकेश सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में गौसेवक मौजूद रहे। कथा के अन्तिम दिन 30 दिसम्बर को हवन पूजन के साथ ही भव्य भण्डारे का आयोजन किया जायेगा। 
मनुष्य शरीर भोगने के लिए नहीं ईश्वर की प्राप्ति के लिए होता है-साध्वी सत्यप्रिया
कबरई। कस्बे के रिलायंस पेट्रोल पम्प के पास चौहान निवास में आयोजित हो रही श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन साध्वी सत्यप्रिया के श्रीमुख से कथा का रसपान सुनकर श्रोतागण भाव विभोर हो गए। साध्वी ने कथा की शुरुआत करते हुए कहा की कथा सुनने का सार जब है, जब आप कथा को अपने हृदय में उतारे। अपनी चित्तवृत्ति को एकाग्र करना होगा, मन को अपने बस में करना होगा, तभी आप सही मायने में भागवत कथा को सुनना सार्थक होगा। कई बार तो शरीर से हम कथा मे होते है, लेकिन मन दुनियादारी में लगा रहता है। ऐसे में कथा सुनना न सुनना कोई मायने नहीं रखता। वही साध्वी सत्यप्रिया ने कहा कि भागवत कथा भी वही लोग सुनने आते है जिनके ऊपर साक्षात् प्रभु की कृपा होती है। जिसके सत्कर्म धीरे धीरे इकट्ठे होते है, वही कथा के मंडप में आ पाते है। ऐसे तो करोड़ों लोग है लेकिन कथा मण्डप में गिनती के ही लोग आ पाते है, यानि उनके ऊपर प्रभु की कृपा नहीं है। भगवान उनको मोह माया में ही अभी उलझाए हुए है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा का शुभारंभ गंगा जी के तट से हुआ है, जब परीक्षित को श्राप लगा कि आज से सातवें दिन तक्षक नामक सर्प से डसने से उनकी मृत्यु हो जायेगी। जब परीक्षित जी को श्राप लगा तो वह आकर गंगा जी के तट पर आकर बैठ गए, जिनके उद्धार के लिए शुकदेव भगवान स्वयं गंगा जी के तट पर आये। तब देवताओं ने ब्रह्मा जी से कहा की यह कैसे हो रहा है कि राजा परीक्षित को स्वयं भगवान कथा श्रवण कराने आ रहे। तब ब्रह्म जी ने कहा यह उनकी महिमा है, उन्हीं से पूंछो तब सब देवता गंगा के तट पर अमृत कलश लेकर पहुंचे और शुकदेव भगवान से कहा कि यह अमृत राजा परीक्षित को पिला दीजिए, इससे वह अमर हो जाएंगे और कथा का श्रवण हम देवताओं को कराइए। तब राजा परीक्षित ने कहा कि भगवान अमृत पीने व कथा सुनने से दोनों से क्या फायदा है। तब भगवान कहते है की अमृत पीने से तुम दीर्घजीवी बन जाओगे और कथा सुनने से दिव्य जीवी बनोगे। जीवन में अगर दिव्यता नहीं है, तो जीवन जीने का कोई फायदा नहीं। भगवत कथा सुनने मात्र से ही प्राणी मोक्ष को प्राप्त होता है, और वह जीवन मृत्यु से मुक्त हो जाता है। ऐसा भागवत कथा सुनने का महत्व है। इस अवसर पर श्रीमती त्रिवेणी सिंह चौहान, अनूप सिंह चौहान, बब्लू, अतुल, प्रभात पाठक, कंचन पाठक, अशोक कुशवाहा, अशोक तोमर, हुकुम सिंह, शांतनु तिवारी, शेखर नामदेव, शिवम पाठक, बब्बू त्रिपाठी, पुरनचन्द्र कुशवाहा, हिम्मन शिवहरे, प्रेमशंकर कुशवाहा सहित सैकड़ों श्रोता उपस्थित रहे।

जनपद महोबा बुन्देलखण्ड भगवती प्रसाद सोनी

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