प्रधान ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति आयोग उत्तर प्रदेश को लिखा पत्र जाति प्रमाण पत्र जारी कराने की उठाईं मांग प्रधान ने अनुसूचित जा...
प्रधान ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति आयोग उत्तर प्रदेश को लिखा पत्र
जाति प्रमाण पत्र जारी कराने की उठाईं मांग
प्रधान ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति आयोग उत्तर प्रदेश को लिखा पत्र
जाति प्रमाण पत्र जारी कराने की उठाईं मांग


सीतापुर विकास खण्ड रामपुर मथुरा के ग्राम पंचायत मितौरा प्रधान ने अनुसूचित जनजाति आयोग उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की है। जहां योगी सरकार चारों तरफ लोककल्याण, विकास एवं आम जनता की सुरक्षा का चौमुखी परचम लहरा रही है,वहीं कल्पना से परे उत्तर प्रदेश की एक हिंदू धर्म की जाति जिसे राधिका/मंगता या बजनिया आदि उप नामों से जाना जाता है जो गाना-बजाना, मेहनत मजदूरी एवं भिक्षा मांग कर अपना जीवन यापन करती है, इनकी संख्या उत्तर प्रदेश में कई मिलियन है। आजादी के 77 साल बाद भी जाने के बाद भी आज तक सरकारी जाति प्रमाण पत्र तहसील स्तर से जारी नहीं हो पा रहा है, जिससे सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओ का उचित/वास्तविक लाभ इन छूटी हुई जातियों को नहीं मिल पा रहा है, बच्चों के स्कूल में प्रवेश एवं अन्य आवश्यक जगहों पर जहां जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ती है, वहां यह सब एक विकट समस्या का सामना कर रहे हैं और जाति प्रमाण पत्र से संबंधित सारे कार्य बाधित हो रहे हैं। ग्राम पंचायत मितौरा,विकासखंड रामपुर मथुरा, तहसील महमूदाबाद जनपद सीतापुर में इनकी संख्या लगभग 250 से ऊपर है, ग्राम पंचायत के निवासियों द्वारा जब जाति प्रमाण पत्र की इस समस्या को ग्राम पंचायत के युवा प्रधान आलोक श्रीवास्तव को अवगत कराया तो ग्राम प्रधान ने इस समस्या के स्थाई समाधान हेतु जिलाधिकारी सीतापुर,प्रमुख सचिव समाज कल्याण उत्तर प्रदेश शासन तथा समाज कल्याण मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को क्रमशः लगातार पत्र पहले लिख चुके थे, परंतु अब तक जाति प्रमाण पत्र की समस्या के समाधान से संबंधित कोई कार्रवाई धरातल पर नहीं दिखाई पड़ी। जाति प्रमाण पत्र की इस अति आवश्यक समस्या को जब प्रधान ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति आयोग उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष बैजनाथ रावत को पूर्व में लिखे गए समस्त पत्रों के साथ अवगत कराया तो आयोग के अध्यक्ष ने प्रकरण की गंभीरता को संज्ञान में लेकर जिला अधिकारी सीतापुर को दशकों के लंबे अंतराल से लंबित समस्या के स्थाई समाधान हेतु पत्र भेजा है। आजादी के 77 साल बीत जाने के बाद अब तक जो जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पा रहा था ,अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष द्वारा प्रकरण को संज्ञान में लेकर भेजे गए पत्र के बाद इसका स्थाई समाधान हो पाएगा या वही पुरानी कहावत ढाक के तीन पात की तरह बनी रहेगी और उत्तर प्रदेश की कई मिलियन हिन्दू मंगता,राधिका,बजनिया उपजाति के मूल निवासी इसी तरह से जाति प्रमाण पत्र की वर्तमान समस्या से जूझते रहेंगे यह तो आने वाला वख्त ही बताएगा। या पत्राचार की कार्रवाई ऐसे ही कागजों तक सीमित रह जाएगा।
संवाददाता
अरविन्द कुमार
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