FALSE

Grid

GRID_STYLE
FALSE
TRUE

Breaking News

latest

हरदोई वेदों एवं शास्त्रों का सार है श्रीमद्भागवत कथा अनूप महाराज

 हरदोई  15 अक्टूबर 2022 जिला हरदोई के ग्राम अखबेलपुर मलवा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस में असलापुर धाम से पधारें सुप्रसिद्ध क...

 हरदोई  15 अक्टूबर 2022

जिला हरदोई के ग्राम अखबेलपुर मलवा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस में असलापुर धाम से पधारें सुप्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य अनूप ठाकुर जी महाराज ने कहा कि जन्म-जन्मांतर एवं युग-युगांतर में जब पुण्य का उदय होता है, तब ऐसा अनुष्ठान होता है। श्रीमद्भागवत कथा एक अमर कथा है। इसे सुनने से पापी भी पाप मुक्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि वेदों शास्त्रों का सार युगों-युगों से मानवजाति तक पहुंचता रहा है। भागवतपुराण उसी सनातन ज्ञान की पयस्विनी है, जो वेदों से प्रवाहित होती चली आई है। इसलिए भागवत महापुराण को वेदों का सार कहा गया है श्रीमद्भागवत कथा अमृत पान करने से संपूर्ण पापों का नाश होता है।व्यास अनूप महाराज ने श्रीमद् भागवत की अमर कथा व सुखदेव जी के जन्म का वृतांत विस्तार से वर्णन किया। कैसे श्री कृष्ण सुखदेव महाराज को धरती पर भेजे भागवत कथा ज्ञान करने को ताकि कलयुग के लोगों का कल्याण हो सके। रास्ते में कैलाश पर्वत पर उन्होंने चुपके से भगवान शिव की ओर से मां पार्वती को सुनाई जा रही भागवत कथा सुन ली। इससे शिव नाराज होकर उन्हें मारने दौड़े। साथ ही राजा परीक्षित को श्राप लगने का प्रसंग सुनाया।ठाकुर महाराज ने कहा कि राजा परीक्षित की मृत्यु सातवें दिन सर्प दंश से होनी थी। जिस व्यक्ति को यहां पता चल जाए कि उसकी मृत्यु सातवें दिन होगी, वह क्या करेगा, क्या सोचेगा। राजा परीक्षित यह जानकर अपना महल छोड़ दिए। महाराज ने बताया कि श्रीकृष्ण की ओर से राजा परीक्षित को दिए गए श्राप से मुक्ति के लिए उन्हें श्री सुखदेव से मिलने की कथा सुनाई। कहा कि भागवत कथा का श्रवण आत्मा का परमात्मा से मिलन करवाता है। सुखदेव मुनि ने राजा परीक्षित से कहा कि सब को सात दिन में ही मरना है। इस सृष्टि में आठवां दिन तो अलग से बना नहीं है। संसार में जितने भी प्राणी हैं। सभी परिचित हैं सब की मृत्यु एक ना एक दिन तो होनी है और जो मनुष्य एक बार श्रीमद् भागवत कथा श्रवण कर ले और उसे सुनकर जीवन में उतार ले तो उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। उसे भगवान की प्राप्ति हो जाती है। ज्ञान के बिना जीवन में अंधेरा है और आचरण के बिना जीवन की पवित्रता नहीं है। कथा श्रवणार्थ परिक्षित राकेश सिंह सपत्नीक, सुधीर सिंह, सत्येंद्र सिंह, मास्टर दलगंजन सिंह, भानुप्रताप सिंह, शिवकुमार सिंह प्रधान, बवलू सिंह कोटेदार, राजू सिंह चौहान, ईशू सिंह, प्रवेश कुमार, कमलेश कुमार समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहें!



No comments


अपना विज्ञापन बॉक्स लगवाएं

       

close