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विवाहित जोड़ों के साथ पनप रहा अपराध ? अधिवक्ता एस.बी सिंहNews

  *विवाहित जोड़ों के साथ पनप रहा अपराध ? अधिवक्ता एस.बी सिंह ।।* युवतियों के बीच बढ़ते अपराध की जड़ है मोबाइल : अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह ।। शं...


 *विवाहित जोड़ों के साथ पनप रहा अपराध ? अधिवक्ता एस.बी सिंह ।।*

युवतियों के बीच बढ़ते अपराध की जड़ है मोबाइल : अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह ।।

शंकरगढ़(प्रयागराज) आजकल विवाहित जोड़ों के बीच कुछ इस तरह से अपराध पनप रहा है कि कहीं पति पत्नी को जान से मार दे रहा है तो कहीं पत्नी पति को जान से मरवा दे रही है और इससे दाम्पत्य जीवन बर्बाद हो जा रहा है । इसके पीछे के कारणों पर अधिवक्ताओं ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि युवकों और युवतियों में सहनशीलता की कमी है । साथ ही अभिभावकों को भी ध्यान देने की आवश्यकता है । उन्हें अपनी सन्तानों से शादी के पहले बातचीत करनी चाहिए । जिससे कि उनकी इच्छाओं का पता चल सके और वह अपराध से बच सकें , उक्त बातें उच्च न्यायालय के अधिवक्ता एस.बी सिंह ने कहीं । उन्होंने कहा कि शिक्षित पुरुष अनपढ़ महिला के साथ तो जीवन बिता लेता है, लेकिन शिक्षित महिला अनपढ़ पुरुष के साथ जीवन नहीं बिता पाती है, क्योंकि महिला पुरुष के इशारे पर जीवन जी लेती है, परन्तु पुरुष महिला के इशारे पर जीवन नहीं जी पाता है । बल्कि अपनी तौहीन समझता है । शिक्षित पुरुष तो आजाद रह लेता है और महिला बर्दाश्त करती है । लेकिन शिक्षित महिला का आजाद रह पाना पुरुष को बर्दाश्त नहीं होता है । सहनशीलता न होने से अपराधिक घटनाएं घटित हो जाती हैं । इसलिए माता-पिता को अपनी सन्तानों की इच्छाओं को समझना चाहिए और उनकी इच्छानुसार विवाह कर देना चाहिए । इससे अपराध भी नहीं होगा और वह जीवित भी रहेंगे । वहीं अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह ने कहा कि युवकों और युवतियों के बीच बढ़ते अपराध की जड़ मोबाइल है । शादी के पहले के मामले बाद में अपराध का कारण बन रहे हैं । अभिभावकों को जागरुकता निभाते हुए अपने बेटे और बेटी से दोस्ताना अन्दाज में उन्हें जानना और समझना चाहिए । उनकी इच्छाओं की भी कद्र करनी चाहिए । क्योंकि अब पहले जैसी न स्थितियां रहीं और न सहनशीलता । वहीं अधिवक्ता नारेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि एकल जीवन और दाम्पत्य जीवन में काफी फर्क है, इसे समझना होगा । विवाहित जीवन में समझौता जरूरी है । यदि समझौता नहीं कर सके तो बात बिगड़ जाती है और कभी-कभी मामला अपराध तक बढ़ जाता है । इससे दोनों का जीवन बर्बाद हो जाता है । आजकल लोगों में सहनशीलता भी खत्म हो चुकी है । माता - पिता को चाहिए कि बेटी और बेटे पर पूरा ध्यान दें और उनकी दिनचर्या को समझकर उनसे बात करें । इस तरह से युवा वर्ग के बीच बढ़ते अपराध को कम किया जा सकता है । वहीं अधिवक्ता राजकुमार तिवारी ने कहा कि अभिभावकों को अपने लड़के और लड़की से शादी के पहले पूछना चाहिए कि उनका किसी से कोई ताल्लुक तो नहीं है यदि है तो उनकी शादी उसी से कर देनी चाहिए । यदि माता-पिता कहीं शादी कर रहे हैं तो भी बात कर लें कि उन्हें एक दूसरे के साथ जीवन बिताना है । युवक और युवती में सहनशीलता की कमी है, जीवन में मनमानी अच्छी नहीं होती है, समझौता करना चाहिए और पुराने लोगों को भी अपनी सोंच में बदलाव लाना होगा ।

*रिपोर्ट* -/ विजय कुमार मिश्रा  प्रयागराज      

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