16 वां संस्कारमय पावन वर्षा योग एवं मंगल कलश स्थापना समारोह धार्मिक अनुष्ठानों के बीच आयोजित किया गया। गया/बिहार News 24 First Express ...
16 वां संस्कारमय पावन वर्षा योग एवं मंगल कलश स्थापना समारोह धार्मिक अनुष्ठानों के बीच आयोजित किया गया।
गया/बिहार
News 24 First Express
ब्यूरो रिपोर्ट वेद राज
गया बिहार सकल दिगंम्बर जैन समाज के तत्वाधान में रविवार को नगर के रमना रोड स्थित दिगंबर जैन मंदिर में परम पूज्य वाक्केश्वरी श्रमणाचार्य श्री 108 विनिश्चयसागर जी महामुनिराज के मंगल आशीर्वाद से उनके सुयोग्य शिष्य परम पूज्य वात्सलय मूर्ति श्रमण मुनि श्री 108 संस्कार सागर जी महाराज जी का 16 वां संस्कारमय पावन वर्षा योग एवं मंगल कलश स्थापना समारोह धार्मिक अनुष्ठानों के बीच आयोजित किया गया। जैन परंपरानुसार सुबह 6:30 से मांगलिक कार्यक्रम का विधान शुरू हो गया, जिसमें सर्वप्रथम मंगलाष्टक, दिगबंधन, अभिषेक, शांति धारा का पाठ,मंदिर श्री के गुंबद पर ध्वजारोहण, मुनि श्री का पाद प्रक्षालन, शास्त्र भेंट, गुरु पूजन के पश्चात समाज के सभी लोगों के द्वारा श्रीफल अर्पित कर मंगल कलश की स्थापना की गई। इसके बाद 8:30 बजे से मंगल कलश स्थापना कर मुनि श्री की मंगलदेशना श्रावकों द्वारा की गई।
इस दौरान आयोजित धर्म सभा में श्रावकों को संबोधित करते हुए मुनि श्री ने कहा कि मंगल कलश स्थापना का अपना महत्व है जहां भी साधु संतों का डेरा होता है वहां सभी का कल्याण होता है सभी का मंगल करने की भावना के वशीभूत ही मंगल कलश की स्थापना की जाती है। चातुर्मास जैनियों के लिए पुण्यर्चन करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस चातुर्मास में व्रत नियम का पालन कर श्रावकों को अनंत सौभाग्य की प्राप्ति होती है।आत्मा को परमात्मा बनाने के लिए यह पावन वर्षा योग अति महत्वपूर्ण अवसर लेकर आता है।उन्होंने उदाहरण देकर प्रसंग की चर्चा करते हुए बताया कि चार माह में यदि बारिश नहीं हो तो वर्ष भर अन्न की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। इस प्रकार चार माह में कोई भी व्यक्ति चातुर्मास के नियम का पालन करें तो उसे इसका लाभ मिल जाएगा। इसलिए जैनियों के लिए पावन वर्षा योग और चातुर्मास उपयुक्त माना गया है। अपने अंदर आध्यात्मिक शक्ति और चेतना को जागृत करने के लिए चातुर्मास व्रत का पालन करें।इस अवसर पर दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष अजीत छाबड़ा,उपाध्यक्ष विकास पाटनी, कोषाध्यक्ष हर्ष काला, मंत्री हेमंत पाटनी,सह मंत्री अर्पित पाटनी, राजकुमारी गंगवाल, संतोषी गंगवाल,आशा सेठी,मोनिका अजमेरा एवं पिंकी काला समेत बड़ी संख्या में जैन समाज के महिला, पुरुष और बच्चे उपस्थित थे।
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