एक ऐसे समय में जब चीन की मध्यस्थता से सऊदी अरब और ईरान के बीच ऐतिहासिक समझौते के बाद कूटनीतिक संबंधों की बहाली संभव होती नज़र आ रही है. वह...
एक ऐसे समय में जब चीन की मध्यस्थता से सऊदी अरब और ईरान के बीच ऐतिहासिक समझौते के बाद कूटनीतिक संबंधों की बहाली संभव होती नज़र आ रही है. वहीं इस समझौते से परेशान इसराइल की सरकार ने ईरान के पड़ोसी देशों से संबंध बेहतर बनाने की कोशिशें शुरू कर दी है.
ध्यान रहे कि सुन्नी बहुल सऊदी अरब और शिया बहुल ईरान के बीच काफ़ी तनाव चला आ रहा था और मध्य पूर्व में वर्चस्व की लड़ाई में ये दोनों देश एक-दूसरे को अपने लिए ख़तरा समझते रहे हैं.
इसराइल ने 2020 में सऊदी अरब के पड़ोसी देशों संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन के साथ अब्राहम समझौते के तहत संबंध बहाल कर लिए थे. इसराइल ने कई बार सऊदी अरब से नज़दीकी बनाने की इच्छा भी जताई है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, बुधवार को इसराइली विदेश मंत्री एली कोहेन ने निकट भविष्य में सऊदी अरब के दौरे का संकेत देते हुए कहा कि इस वर्ष एक और अरब देश इसराइल से संबंध बहाल कर लेगा, लेकिन उन्होंने उस देश का नाम नहीं बताया.
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